Tuesday, July 21, 2009

sex ko le kar kya kahati hai mahila

मौजूदा समय में सेक्स दिलचस्पी का एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है. लोग सेक्स के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी चाहते हैं और बहुत से लोग इस बारे में जागरूक भी हैं.

मगर आम तौर पर देखा गया है कि सेक्स से संबंधित किताबों से लेकर फ़िल्मों तक में मर्दों का ज़्यादा ख़याल रखा जाता है.

लीक से हटकर कुछ करते हुए दिल्ली की एक लेखिका संध्या मीरचंदानी ने 'कामसूत्र फ़ॉर वुमैन' यानी महिलाओं के लिए कामसूत्र लिखी है.

संध्या का कहना है कि दो हज़ार साल पहले वात्स्यायन ने जो किताब लिखी थी वो आज के आधुनिक दौर की ज़रूरतों को पूरा करती है.

उनके मुताबिक़ वात्स्यायन ने अपनी किताब में मर्द और औरतों के बीच कोई फ़र्क़ नहीं बरता था लेकिन अब तक कामसूत्र पुरुषों पर केंद्रित है और महिलाओं के पहलुओं को नज़र अंदाज़ किया जाता है.

संध्या कहती हैं कि इसीलिए उन्होंने सेक्स के प्रति महिलाओं के नज़रिए को पेश किया है.

संध्या कहती हैं कि किताब का आधार वात्स्यायन की कामसूत्र ही है फिर भी इसमें महिलाओं से संबंधित सभी विषयों को एक जगह इकट्ठा किया गया है.

केंद्र पुरुष ही है

बीबीसी से विशेष बातचीत में संध्या ने कहा, "बहुत सी जगहों पर यह लिखा मिलता है कि मर्द अपनी यौन इच्छाओं को किस अंदाज़ से पूरा करते हैं या फिर अपनी यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए वो कौन से तरीक़े अपनाएँ."

"कैसे वर्ज़िश करें कि उनकी जवानी ज़्यादा समय तक बरक़रार रहे और कैसे महिलाओं के दिल में जगह बना सकें. हर जगह बात मर्दों के संदर्भ में ही होती है."

किताब में महिला की यौन ज़रूरतें और उन्हें पूरा करने के तरीक़ों का ही ज़िक्र नहीं है, बल्कि समाज में दूसरों के साथ उसके रिश्ते, ख़ूबसूरत और आकर्षक बनने और रहने के नुस्ख़े और उनके श्रृंगार का भी किताब में विस्तार से ज़िक्र है
संध्या मीरचंदानी

संध्या कहती हैं कि समाज में औरत का अहम स्थान है लेकिन समाजी बंदिशों की वजह से वो बहुत सी बातों का ज़िक्र भी नहीं कर पाती है. इसलिए इसमें महिलाओं की तमाम यौन समस्याओं पर विस्तार से बहस की गई है.

संध्या कहती हैं कि आजकल फ़िल्म, टेलीविज़न और मीडिया में महिलाओं की यौन समस्याओं पर बात होती रहती है और महिलाओं में इसी बात की चाहत भी है कि वो अपनी शख़्सियत के तमाम पहलुओं से बख़ूबी वाक़िफ़ हों.

उनका कहना है कि यौन इच्छाएँ इंसान के व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होती है और एक महिला के लिए यौन इच्छाओं के तमाम पहलुओं की जानकारी इसलिए भी ज़रूरी है कि वो अपने पति का सही तरीक़े से ख़याल रख सके.

एक औरत को मालूम होना चाहिए के उसकी अपनी ज़रूरतें क्या हैं और उन्हें बेहतर तौर पर कैसे हासिल किया जाए और आख़िरी मंज़िल क्या है.

संध्या मीरचंदानी
"महिलाओं को समझने में मददगार होगी उनकी किताब"

संध्या के मुताबिक़ एक औरत के लिए यौन इच्छाएँ ही सब कुछ नहीं हैं. इसलिए किताब में महिला की यौन ज़रूरतें और उन्हें पूरा करने के तरीक़ों का ही ज़िक्र नहीं है, बल्कि समाज में दूसरों के साथ उसके रिश्ते, ख़ूबसूरत और आकर्षक बनने और रहने के नुस्ख़े और उनके श्रृंगार का भी किताब में विस्तार से ज़िक्र है.

वो कहती हैं, "मर्द अक्सर औरत को यौन ज़रूरतों की नज़र से ही देखते हैं जबकि एक औरत के लिए रोमाँस बहुत अहम होता है. वो चाहती है कि उससे प्यार और मोहब्बत का इज़हार किया जाए और पुरुष ये जाने कि आख़िर उसकी तमन्ना क्या है."

"औरत के लिए प्यार और मोहब्बत के जज़्बात बड़ी अहमियत रखते हैं. इन्हीं तमाम पहलुओं को किताब में विस्तार से छुआ गया है."

संध्या का कहना है कि यह विशेष रूप से किताब औरतों के लिए लिखी गई है लेकिन इसे पढ़कर मर्द भी ये समझ सकते हैं कि उनसे औरतें क्या अपेक्षाएँ रखती हैं या उनकी पसंद क्या होती है. इस तरह से किताब उनके लिए भी फ़ायदेमंद साबित हो सकती है.

संध्या का कहना है कि आज के दौर में सेक्स से जुड़ी बहुत सी बीमारियाँ सामने आई हैं इसलिए सेक्स की शिक्षा बहुत ज़रूरी है और इस तरह की किताबें इसमें मददगार साबित होंगी.

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